किले की सुरक्षा करिए घंटी बजाकर
शिक्षक, धर्मगुरुओं संत-महंतों और विद्वानों का कार्य व कर्तव्य था कि समाज व राष्ट्र के हित व समृद्धि के लिए मार्गदर्शन करते नयी पीढ़ी का | लेकिन वे अपने कर्तव्यों से भटक गए और कठपुतली बन गए राजनेताओं, अपराधियों और देश के सौदागरों के | जो धर्म राष्ट्र को संगठित करने व आत्मनिर्भर होने में…