किताबी धार्मिक

dogle dharmikon ka samaj
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आस्तिक, नास्तिक, सात्विक और धार्मिक समाज दोगले और अधार्मिक क्यों होते हैं ?

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कई प्रयोग करते हुए निरंतर बढ़ा चला जा रहा हूँ, लेकिन मेरा प्रयोग केवल मेरे लिए है। मेरे अपने ही आध्यात्मिक उत्थान के लिए। बिलकुल वैसे ही जैसे कोई ऋषि बियाबान में ध्यान करता रहता है, मैं समाज में रहकर ध्यान कर रहा हूँ। मेरा ध्यान उस रहस्य को जानने के लिए है, जिसे आज…

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अन्याय व अत्याचार विरुद्ध नहीं किताबी धार्मिकों का समाज
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अन्याय व अत्याचार विरुद्ध नहीं किताबी धार्मिकों का समाज

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 जब मानव इंसानियत से परे हो जाये, जब मानव शैतान बन जाए, तब वह इतना नीचे गिर जाता है, कि पशु-पक्षी भी उनसे श्रेष्ठ हो जाते हैं। यह तस्वीरें रोहिंगिया मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचारों की दास्ताँ कह रहे हैं। और आश्चर्य की बात तो यह है कि वह देश बौद्धधर्म के अनुयाइयों का देश…

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