कर्म

चाकरी और गुलामी
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कर्म और श्रम ही जीवन है चाकरों और गुलामों के लिए

कहते हैं लोग कि कुछ करो क्योंकि कर्म करने के लिए आए हैं हम दुनिया में। और कर्म भी वही करो, जो माफिया और देश के लुटेरे चाहते हैं कि करो। यूपीएससी क्लियर करो आईएएस, आईपीएस बनो और अपने ही देश की जनता को लूटने और लुटवाने में सहयोगी बनो। छोटे-मोटे अपराधियों को पकड़ो, निर्दोषों…

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कर्म और कर्मवाद में वही अंतर है जो ब्राह्मण और ब्राह्मणवाद में है

बहुत शोर मचाते हैं मजदूर और शूद्र यूनियन के लोग कि श्रीकृष्ण ने कहा था कर्मवादी बनो, मजदूरी करो, मेहनत करो। लेकिन कर्मवाद का शोर मचाने वाले नहीं जानते कि कर्म और कर्मवाद में वही अंतर है, जो ब्राह्मण और ब्राह्मणवाद में हैं। जो अंबेडकर और अंबेडकरवाद में है। ब्राह्मणवादी होना आसान है, लेकिन ब्राह्मण…

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कर्म, ईश्वर और भाग्य क्या भ्रम हैं?

हमारा शरीर एक अत्याधुनिक मशीन की तरह है, जिसमें एक इनबिल्ट सुपर कंप्यूटर है। इसे चलाने के लिए एक चिप, जिसे ROM (Read Only Memory) कहते हैं, पहले से प्रीलोडेड होती है। इसे अवचेतन मन या सबकॉन्शियस माइंड भी कहते हैं। अधिकांश लोग केवल लॉजिकल ब्रेन का ही उपयोग करते हैं और उसी के आधार…