कर्मयोग

मनोविज्ञान में डिटैचमेंट का सिद्धांत (law of detachment)
|

मनोविज्ञान में डिटैचमेंट का सिद्धांत (Law of Detachment)

मनोविज्ञान में डिटैचमेंट का सिद्धांत (Law of Detachment) यह सिखाता है कि हमें परिणामों, परिस्थितियों या दूसरों के व्यवहार को नियंत्रित करने की आवश्यकता से मुक्त होकर जीना चाहिए। यह सिद्धांत मानसिक शांति, संतुलन और भावनात्मक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। इसका मुख्य उद्देश्य यह समझाना है कि जब हम अपनी उम्मीदों और इच्छाओं को…

karmyog
|

कर्मयोग नहीं है कर्मवाद

अधिकांश लोग कर्मवाद और कर्मयोग को एक ही मानते हैं। जबकि कर्मवाद और कर्मयोग में जमीन आसमान का अंतर होता है। कर्मवाद क्या है ? कर्मवाद बिलकुल वैसा ही वाद है, जैसा गांधीवाद, अंबेडकरवाद, पेरियारवाद, पैगंबरवाद, समाजवाद, साम्यवाद….आदि। कर्मवादी लोग दीमक, चींटियों और मधुमक्खियों की तरह मेहनती होते हैं और केवल कर्म करते रहते हैं…

कर्मवाद और कर्मयोग में अंतर है
| | |

कर्मवाद का आधार है चाकरी और गुलामी

मानव का जन्म माफियाओं और देश के लुटेरों की चाकरी करने के लिए हुआ है। और जो चाकरी या गुलामी से इंकार कर दे, वह ढोंगी, पाखंडी, हरामखोर है, मुफ्तखोर है। ऐसी धारणा को धारण करके कोल्हू का बैल बनकर माफियाओं और लुटेरों की सेवा करना कर्मवाद कहलाता है। कर्मवाद का आधार ही है चाकरी…