लीलामन्दिर आश्रम

लीलामन्दिर आश्रम
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भौतिकतावादी समाज आजीवन नहीं समझ पाएगा आश्रम का उद्देश्य और महत्व

बुद्ध ने जिस दिन घर छोड़ा, अपने सारथि से कहा था–क्योंकि सारथि दुःखी था। बूढ़ा आदमी था। बुद्ध को बचपन से बढ़ते देखा था। पिता की उम्र का था। वह रोने लगा, उसने कहा, मत छोड़ो। कहां जाते हो? जंगल में अकेले हो जाओगे। कौन संगी, कौन साथी? तो बुद्ध ने कहा, महल में भी…

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मेरी यात्रा परतन्त्रता से स्वतन्त्रता की ओर

कोल्हू का एक बैल जो दिन-रात माफियाओं और सरकारों के लिए पैसे कमाने के लिए मेहनत कर रहा था, अचानक एक दिन जाग जाता है। और जागने के बाद उसे एहसास होता है कि वह तो मानव था, परिवार और समाज ने उसे कोल्हू का बैल बनाकर रख दिया। सेलरी बढ़ने से पहले महंगाई बढ़…