मौलिकता

meri maulik avaaz meri lekhi
| |

मेरी वेदना मेरी आवाज़ है मेरी लेखनी

माना कि मेरे लेख मेन स्ट्रीम मीडिया की चकाचौंध से दूर रहते हैं। माना कि इन शब्दों से किसी के मन में कोई उथल-पुथल नहीं मचती, न कोई क्रांति जन्म लेती है, न ही कोई बड़ा बदलाव आता है। फिर भी, मैं लिखता हूं। क्यों? क्योंकि लिखना मेरा काम नहीं, मेरी सांस है। जैसे जंगल…

सम्मान की चाह या स्वतन्त्रता का चुनाव
| | |

सम्मान की चाह या स्वतन्त्रता का चुनाव ?

महत्वपूर्ण यह नहीं कि कौन आपको चाहता है, बल्कि यह है कि कौन आपको महत्व देता है और आपका सम्मान करता है। अक्सर, जब हम दूसरों की नजरों में विशेष बनने की कोशिश करते हैं, तो अपनी मौलिकता खो बैठते हैं। हमें वैसा बनने की मजबूरी होती है, जैसा दूसरा चाहता है। इस प्रक्रिया में…

अपनी मौलिकता को पहचानें
| |

स्वयं को स्वीकारें: अपनी मौलिकता का सम्मान करें

बचपन से हमें यह सिखाया जाता है कि हमें दूसरों जैसा बनना चाहिए। माता-पिता, परिवार और समाज अक्सर हमें वैसे स्वीकार नहीं कर पाते जैसे हम वास्तव में होते हैं। परिणामस्वरूप, हम अपनी मौलिकता को दबा देते हैं और दूसरों की नकल करने की होड़ में लग जाते हैं। हमारी शिक्षा, परिवेश और सामाजिक अपेक्षाओं…

dimga ka dahi
| |

दुनिया के झूठे सुधारक और मौलिकता का सवाल

आज के समय में लेखक, साहित्यकार, समाज सुधारक और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की ऐसी बाढ़ आ चुकी है कि अब यह तय कर पाना मुश्किल हो गया है कि इनकी बातों को गंभीरता से लिया जाए या इन्हें खर-पतवार की श्रेणी में डाल दिया जाए। लोग अब किताबों और लेखों में अपना समय नष्ट करने की…

tyag aur swatantrta
| | | |

त्याग और स्वतंत्रता: मेरी जीवन की क्रांति

25-30 वर्ष पहले जो घरों की शान हुआ करते थे, जिन्हें बड़े सम्मान और गर्व के साथ रखा जाता था, आज लोग उन्हें भूल चुके हैं। आज कोई दहेज में कैसेट डेक या टू-इन-वन नहीं मांगता। जानते हैं क्यों ? क्योंकि उपयोगी वस्तु हो, पशु हो, या इंसान, एक दिन अनुपयोगी हो जाता है। एक…

IMG 20230711 WA0004
|

मैं अपने शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य की जिम्मेदार खुद हूं

मैं अपने शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य की जिम्मेदार खुद हूं, गुलाम नहीं, मैं स्वतंत्र हूं!

three wise monkeys
|

स्वयं को सुधारना: गाँधी जी के तीन बंदरों से आगे की सोच

“गुरु जी आप महान है। लेकिन ये महानता कब एकत्र होगी ओर देश का कल्याण होगा। सभी तरफ गलत ही गलत है। हम सिर्फ अपने को सुधार सकते ओर रहै है लेकिन कुछ नही कर सकते । न भक्त सिंह बन सकते ओर न गांधी जी। कोई रास्ता नही दिखाई देता ओर सिर्फ अपने गुणों…