चुनमुन परदेसी और निःस्वार्थ सेवा का दृष्टिकोण
कई हज़ार वर्ष पुरानी बात है। चुनमुन परदेसी एक ऐसे देश में पहुंचा, जहां के लोग बहुत मेहनती थे और अपनी मेहनत के दम पर जिंदा रहते थे। उस देश में ना तो कोई किसी से सहायता मांगता था, और ना ही कोई किसी की सहायता करता था। शुद्ध कर्मवादी वैश्यों और शूद्रों का देश…