“गण के तंत्र” गुलामी में तब्दील, अधर्म की पराकाष्ठा पर स्वतंत्रता की विजय है?
“गण के तंत्र” गुलामी में तब्दील, अधर्म की पराकाष्ठा पर स्वतंत्रता की विजय है! पूंजीवाद के गुलाम नौकरी के पट्टा पहना स्वतंत्रता की बात करते हैं? पूंजीवादी सरकारी व्यवस्था मानवता को किस तरह गुलामी का पट्टा पहना अपना शिकार करती है? परमात्मा ने हमें प्रकृति के स्वतंत्र व्यवस्था में हमें पूरी तरह प्रकृति के साथ…