एक जिंदगी और मौत से हर किसी की मुलाकात होती है
एक जिंदगी और मौत से हर किसी की मुलाकात होती है।
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“ये धर्म के ठेकेदार और माफियाओं तुम कान खोल के सुन लो, हिंदूत्व बनने का नाटक जितना भी कर लो।
अंततः स्वार्थी, क्षुद्र, शूद्र, अछूत और पूंजीवादी व्यवस्था के दलाल ही रहोगे।
इसका सनातन धर्म से कोई लेना-देना नहीं और न ही धर्म से कोई लेना-देना!”
मानव समाज एक है एक ही रहेगा, मानव समाज को बांटने वाले, खंड विखंडित करने वाले, समाज विरोधी ही नहीं बल्कि परमात्मा विरोधी हैं।
और सिर्फ मानव समाज ही नहीं पूरे विश्व ब्रह्मांड से हमारा नाता है, हम सब परम सत्ता से जुड़कर हर कण में समाहित है।