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sambhal ke rahna chhupe hue
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संभल कर रहना देशद्रोह, भ्रष्टाचार और आतंक के छुपे हुए चेहरों से

पूरा देश पहलगाम में हुए आतंकी हमले से सदमे में है। मगर मीडिया वही कर रहा है जो वह हमेशा करता है — रोना-धोना, देशभक्ति का ड्रामा और आतंकियों को गालियाँ। मगर कोई यह नहीं पूछ रहा कि जिनके जिम्मे सुरक्षा थी, वो कहाँ थे? पहलगाम हमले से ठीक छह महीने पहले जम्मू-कश्मीर के डीजीपी…