पराधीन व्यक्ति और समाज में धार्मिकता, नैतिकता और देशभक्ति नहीं पायी जाती
जो देश की सेवा करने की शपथ लेते हैं, देश पर मर-मिटने की शपथ लेते हैं, जनता की सुरक्षा की शपथ लेते हैं, उनमें भी देशभक्ति नहीं पायी जाती। जो नियमित पूजा, पाठ, रोज़ा-नमाज, व्रत-उपवास, ध्यान, जाप, कीर्तन-भजन करते हैं, उनमें भी देशभक्ति नहीं पायी जाती। जानते हैं क्यों ? क्योंकि वेतनभोगी, पेंशनभोगी, कमीशनखोर, रिश्वतखोर,…