परिवर्तन

शासन हस्तांतरण का प्रतीक राजदण्ड
| |

राजतन्त्र का प्रतीक राजदण्ड: सत्ता परिवर्तन इसी को कहते हैं !

Shares

प्राचीनकाल में भी ऐसा ही हुआ करता था जब एक कबीला किसी दूसरे कबीले पर, एक एक राज्य दूसरे राज्य पर अपना आधिपत्य स्थापित कर लेता था। सत्ता परिवर्तन अर्थात शासन हस्तांतरण जब होता है या नए राजा का राज्याभिषेक होता है, तब राजदण्ड अर्थात शासक का प्रतीक नए राजा को सौंपा जाता है। जैसे…

Shares
आधुनिकता की होड़
| | |

आधुनिकता की होड़ ने इन्सानों को Zombies में रूपांतरित कर दिया

Shares

महात्मा गांधी ने कहा था; “Be the change, you wish to see in the world.”अर्थात “वह परिवर्तन तुम स्वयं बनो, जो परिवर्तन चाहते हो विश्व में देखना।” लेकिन मैं ऐसी मूर्खता नहीं करना चाहता, क्योंकि विश्व में परिवर्तन लाने का ताप उतर गया। पहले मैं भी विश्व को बदलना चाहता था, मैं भी सोचता था…

Shares
Positivity सकारात्मकता की अत्याधुनिक परिभाषा 1
| |

सकारात्मकता (Positivity) की अत्याधुनिक परिभाषा

Shares

बचपन से ही नकारात्मक था, ऐसा नहीं है। बचपन में बहुत सकारात्मक था बिलकुल वैसे ही जैसे देश की 99% जनता। लेकिन ज्यों ज्यों बड़ा होता गया, नकारात्मक होता चला गया। और फिर एक दिन इतना नकारात्मक हो गया कि बिलकुल अकेला हो गया। पहले मुझे समझ में ही नहीं आया था कि रिश्वतखोरी यदि…

Shares
Politics Rajnaitik partiyon ko bhi dharm kyon nahi ghoshit kar dete

राजनैतिक पार्टियों को भी धर्म घोषित क्यों नहीं कर देते ?

Shares

कहते हैं डिग्रियाँ बटोरने के लिए स्कूल जाना जरूरी है। फिर स्कूल सर्टिफिकेट जारी करता है कि यह बालक अब डिग्रियाँ बटोरने के योग्य हो गया है इसलिए इसे कॉलेज में दाखिला दिया जा सकता सकता है। फिर बच्चा कॉलेज जाता है और डिग्रियाँ बटोरने का हुनर सीखता है। विक्षिप्त लोगों को विकलांग कहना पाप…

Shares
सम्पूर्ण व्यवस्था परिवर्तन और क्रान्ति की नौटंकी से लाभ क्या
| |

सम्पूर्ण व्यवस्था परिवर्तन और क्रान्ति की नौटंकी से लाभ क्या है ?

Shares

आज हर तरफ लोग क्रान्ति और सम्पूर्ण व्यवस्था परिवर्तन की बातें कर रहे हैं। कहने वाले और सुनने वालों की भीड़ बढ़ती ही चली जा रही है। तो प्रश्न उठता है कि सम्पूर्ण व्यवस्था परिवर्तन का स्वप्न लोगों ने देखना क्यों शुरू किया वह भी जागते हुए ? सम्पूर्ण व्यवस्था परिवर्तन का स्वप्न देखना कोई…

Shares
परिवर्तन संसार का नियम है
|

परिवर्तन ही संसार का शाश्वत सत्य नियम है

Shares

प्रकृति नवीनता पसंद करती है और धार्मिक लोग पुरातन चीजें। प्रकृति ने कुछ निर्माण किया और फिर यदि उसे लगा कि उससे श्रेष्ठ कुछ और हो सकता है, तो पुराना मिटा दिया और नया गढ़ दिया। फिर चाहे डायनासौर जैसे भारी भरकम जीवों को ही मिटाकर मानवों का निर्माण किया हो या मंगल गृह को…

Shares
4de57e4c6f76d89c08f629464e37a37f

क्या इतना व्यापक रूप है किसी और धर्म में ?

Shares

कई हज़ार साल पहले की बात है। एक दिन मेरे पास तुनकू पंडित आया बहुत उल्लास से भरा हुआ। आकर बोला, “बाबा मैंने धर्म परिवर्तन का निश्चय कर लिया है।” “अरे क्यों भाई ? अपने धर्म में क्या बुराई है ?” मैंने उससे जानना चाहा। “अरे बकवास धर्म है यह !! प्रेम-प्यार अपनापन से रिक्त…

Shares