क्यों पढ़ना चाहिए उन पुस्तकों को, जिनसे न समाज सुधरा न सरकार ?
पहले जब लिखना शुरू किया था, तब हिन्दुत्व के ठेकेदार चले आते थे कहने कि वेदों को पढ़ो, गीता पढ़ो, रामायण पढ़ो, उपनिषद पढ़ो, कुछ अक्ल आ जाएगी। फिर मौलवी आलिम चले आए कहने कि कुरान पढ़ो, हदीस पढ़ो कुछ अक्ल आ जाएगी। फिर ईसाई चले आए अपनी बाइबल लेकर कि बाइबल पढ़ो, कुछ अक्ल…