साधु-समाज

व्यापार में सब जायज है

मैंने साधु-समाज को बहुत निकट से देखा है

लोग मेरा भगवा देखकर सीधे रामायण, गीता, वेदों की बातें करने लगते हैं। भले इन ग्रन्थों को कभी पढ़ा न हो, केवल कुछ किस्से कहानियाँ पढ़ या सुन ली कहीं से और चले आते हैं वाद-विवाद करने। और जब मैं कहता हूँ कि इन सब विषयों में मेरी कोई रुचि नहीं, तो उन्हें बड़ा आश्चर्य…