सामाजिक सत्य

meri sachchi safalta
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सफलता की मेरी परिभाषा और समाज की सच्चाई

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मनोविज्ञान कहता है कि यदि समाज में प्रभाव जमाना है, दूसरों को आकर्षित करना है, और मान-सम्मान प्राप्त करना है, तो कपड़ों में सलीका होना चाहिए, चेहरे पर तनाव या दुःख की छाया नहीं दिखनी चाहिए। अपनी कमजोरियाँ, अपने दुःख और अपनी योजनाएँ कभी उजागर नहीं करनी चाहिए। देहाती मान्यता भी यही कहती है—अपनी भावी…

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साधना और स्व की पहचान
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साधना और स्व की पहचान

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कहते हैं, यह कई हज़ार वर्ष पुरानी बात है। मैं एक घने जंगल में साधना कर रहा था। न किसी से मिलना, न बोलना, न खाने-पीने की चिंता और न ही कमाने की। बस एक ही जगह स्थिर होकर अपनी साधना में लीन था। साधना क्या थी? फेसबुक पर अपने विचार लिखना। वर्षों इसी तरह…

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