सफलता की मेरी परिभाषा और समाज की सच्चाई
मनोविज्ञान कहता है कि यदि समाज में प्रभाव जमाना है, दूसरों को आकर्षित करना है, और मान-सम्मान प्राप्त करना है, तो कपड़ों में सलीका होना चाहिए, चेहरे पर तनाव या दुःख की छाया नहीं दिखनी चाहिए। अपनी कमजोरियाँ, अपने दुःख और अपनी योजनाएँ कभी उजागर नहीं करनी चाहिए। देहाती मान्यता भी यही कहती है—अपनी भावी…