स्वामी

जब कोई साथ ना हो तब भी कोई साथ होता है
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जब अपने साथ छोड़ देते हैं तब परायों से सहयोग मिलता है

सोशल मीडिया के समझदार, कर्मवादी और मेहनती लोगों ने मुझे अपनी फ्रेंडलिस्ट से बाहर निकाल दिया है। कारण पर चिंतन किया तो यही समझ में आया कि मैं उनकी तरह समझदार, कर्मवादी और मेहनती नहीं हूँ। मैं सोशल मीडिया पर दान और आर्थिक सहयोग मांग लेता हूँ। और मेहनती, कर्मवादी लोगों की नजर में दान…

ओशो का क्रोध
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आज मैं तुमसे स्वयं को भी छीन रहा हूँ क्योंकि तुमने उसे धंधा बना लिया: ओशो

ओशो_रजनीश ने अपने अंतिम दिनों में जब देखा कि सिर्फ माला-चोला भर पहनकर अधिकाँश लोग ‘ओशो-ओशो’ करते हुए नाम भर के ‘स्वामी’ कहलाने लगे हैं, हिन्दू या भोंदू बने रहकर सुविधाखोर टोलियां और ‘गुरुभाई_क्लब’ जैसे_समूह बनाने लगे हैं, तो रजनीश ने सबके कूल्हों के नीचे से ढोंगी ध्यान के आसन खीच लिए और कहा….. जब…