भारी-भरकम टैक्स, रिश्वत, कमीशन, चन्दा चुकाने के बदले क्या मिलता है समाज और सरकारों से ?
समाज चाहे कोई भी हो, सत्य, न्याय और धर्म के पक्ष में नहीं होता। समाज सदैव उसके पक्ष में होता है, जिससे उसे लाभ होता है। और जिससे लाभ होता है, उसे ही अपना आदर्श और पूज्य मानता है। यही कारण है कि समाज आज तक नैतिक, धार्मिक, सात्विक और सुसंकृत नहीं हो पाया और…