निर्दोषों की चिताओं पर सिंकती है राजनैतिक रोटियाँ
22 अप्रैल 2025, पहलगाम — एक शांत घाटी, जहां केवल देवदार की खुशबू और झरनों की नमी होनी चाहिए थी, वहाँ गूंजती हैं गोलियों की आवाज़ें। 26 निर्दोष लोग मार दिए गए — धर्म पूछकर। इंसान को इंसान नहीं, मजहब के चश्मे से देखा गया। इंसानियत हार गई, राजनीति जीत गई। पूरा देश शोक में…