त्राटक

ध्यान मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं
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शक्तिशाली ध्यान केवल उन्हें ही सिखाया जाना चाहिए जो निःस्वार्थी हों

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ध्यान के दो अर्थ होते हैं। सामान्य प्रचलित अर्थ है किसी विषय, वस्तु, व्यक्ति, उद्देश्य पर मन और भाव को केन्द्रित करना। जिसे हम त्राटक के नाम से भी जानते हैं। दूसरा अर्थ है विचारशून्य हो जाना, निष्क्रिय हो जाना, केवल दृष्टा मात्र बनकर रह जाना। दोनों ही प्रकार के ध्यान का अपना अपना महत्व…

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