योगवसिष्ठ

karmawad se mukt sannyasi
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चैतन्य व्यक्ति कर्मवाद से भी मुक्त हो जाता है

ब्राह्मण को देवता भी कहा जाता है, क्योंकि ब्राह्मण ज्ञान देता है, शिक्षा देता है, धर्म और अधर्म का बोध कराता है, अधर्म व अधर्मियों के विरुद्ध आवाज़ उठाने की प्रेरणा देता है।